बीते 15 दिनों से हॉस्टल फीस वृद्धि व अन्य कई मामलों को लेकर जेएनयू छात्र कैंपस के अंदर ही प्रदर्शन कर रहे थे। सोमवार (11 नवंबर) को छात्रों का यह प्रदर्शन कैंपस से निकलकर सड़क तक पहुंच गया। इस प्रदर्शन की खास बात ये है कि इसमें सभी छात्र संगठन चाहे वामपंथी हो या एबीवीपी साथ हैं।
गौरतलब है कि देश के अन्य विश्वविद्यालयों की तर्ज पर अब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र रात 11:30 बजे के बाद हॉस्टल में एंट्री नहीं कर पाएंगे। रहने-खाने के आधार पर बिल देना होगा।
खास बात यह है कि कपड़ों की आजादी पर खुलकर अपनी बात रखने वाले छात्र-छात्राएं अब कुछ भी पहनकर में खाना खाने नहीं आ पाएंगे। फॉर्मल ड्रेस पहनकर ही आना होगा। आगे जानिए क्या हैं वो नियम जिनका हो रहा है विरोध...
विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हॉस्टल नियम का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके तहत हॉस्टल के नियम सख्त कर दिए गए हैं। कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कमेटी ने ड्राफ्ट के नियम बनाए हैं। ड्राफ्ट के प्रस्ताव को एग्जीक्यूटिव काउंसिल में पास करवा लिया गया है।
जेएनयू में कुल 18 हॉस्टल हैं जिनमें 5500 छात्र रहते हैं। नए नियमों के तहत अब लड़कियां, लड़कों के हॉस्टल में कमरों तक नहीं जा सकेंगी। यदि कोई छात्रा किसी पुरुष हॉस्टल कमरे में पाई जाती है तो जुर्माने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नए नियमों के ड्राफ्ट में हॉस्टल आवंटन, ठहरने, छुट्टी, खाना-पीना, गुणवत्ता से लेकर ऑडिट भी शामिल है। इससे पहले 2005 में हॉस्टल नियमों में बदलाव किया गया था। कुल 132 पन्नों में हॉस्टल नियम हैं। विश्वविद्यालय कैंपस में कुल 18 हॉस्टल हैं। इसमें आठ पुरुष, पांच महिला और पांच मैरिड हॉस्टल हैं। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी स्टेकहोल्डर से 18 अक्तूबर तक इस पर सुझाव मांगे हैं।